
19 साल बाद रविवार को सूर्यग्रहण पड़ने जा रहा है। 21 जून का यह ग्रहण साल का सबसे लंबा होगा।ग्रहण के दौरान दस मिनट तक दिन में रात जैसी स्थिति हो जाएगी। सूतक शनिवार की रात से आरम्भ हो जाएगा। ग्रहण में चूड़ामणि योग बन रहा है।
संवत 2077 आषाढ़ कृष्ण पक्ष अमावस्या को यह खंडग्रास / कंकड़ाकृति सूर्यग्रहण पड़ेगा । यह नक्षत्र मृगशिरा एवं आद्रा तथा मिथुन राशि मंडल पर मान्य होगा । ज्योतिषाचार्य पूनम वार्ष्णेय ने बताया कि ग्रहण प्रातः 10:09 बजे शुरू होगा तथा 11:47 बजे इसका मध्य काल होगा।
1:36 बजे मोक्ष काल यानी समापन का समय होगा। ग्रहण के बाद दान तीन बजकर 27 मिनट तक किया जा सकता है। ग्रहण का सूतक 20 जून की रात्रि दस बजे से प्रारम्भ हो जाएगा।
इन राशियों पर होगा असर
यह ग्रहण मिथुन राशि और मृगशिरा नक्षत्र पर पड़ रहा है। इसलिए मिथुन राशि के जातक को बहुत खास ध्यान रखना होगा।मिथुन राशि के जातक ग्रहण न देखें और गणपति की पूजा करें। महामृत्युंजय मंत्र का भी जाप करें तो अच्छा रहेगा। कर्क, वृश्चिक, मीन राशि के जातक भी ग्रहण देखने से बचें। यह ग्रहण दुर्लभ श्रेणी का है। ऐसा बहुत कम होता है जब सूर्य को रविवार को ही ग्रहण लगे।
मंदिरों में पुजारी करेंगे विशेष पूजा अर्चना
कैलाश मंदिर के महंत गौरव गिरी ने बताया कि इन दिनों मंदिरों में श्रद्धालुओं के आने पर पाबंदी है। इसलिए ग्रहण काल में होने वाली विशेष पूजा अर्चना सिर्फ पुजारी ही करेंगे। सूतक आरम्भ होते ही मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाएंगे। गृहण काल की समाप्ति के बाद मंदिरों का शुद्धिकरण भी किया जाएगा।