
भारतीय रेल के सबसे शक्तिशाली रेल इंजन वेग-12 का टूंडला रेलवे स्टेशन पर आगमन हुआ। यह इंजन मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया है। हैवी हॉल इंजन बनाने वाला भारत विश्व में छठवां देश बन गया है।
टूंडला रेलवे स्टेशन पहुंचे वेग-12 रेल इंजन का निर्माण मधेपुरा लोको फैक्टरी (बिहार) में लगभग दो वर्ष में हुआ। इस इंजन की ताकत 12 हजार हॉर्सपॉवर की है। वहीं भारतीय रेल में अब तक 6120 हॉर्सपॉवर के इंजन थे।
इस इंजन में अत्याधुनिक आईजीबीटी टेक्नोलॉजी पर आधारित थ्री फेज ड्राइव्स हैं। यह इंजन छह हजार टन के भार को 120 किलोमीटर प्रतिघंटा (1:150 ग्रेडिएंट) की स्पीड से खींच सकता है। वहीं बाकी भारतीय रेल के इंजन 4500 टन को 90 किलोमीटर प्रतिघंटा (1:150 ग्रेडिएंट) की स्पीड से खींच सकता हैं।
सहायक मंडल विद्युत अभियंता परिचालन आलोक मिश्रा और क्रू कंट्रोलर देवकी नंदन ने बताया कि इंजन का वजन 200 टन है। इस इंजन का प्रयोग भारतीय रेल और डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर मालगाड़ियों में किया जाएगा।
इस इंजन में लोको पायलटों के लिए एसी कैब है। टूंडला रेलवे स्टेशन पर पहुंचने पर लोको निरीक्षकों द्वारा लोको पायलटों को इंजन को चलाने का प्रशिक्षण दिया गया। प्रथम बार लोको पायलट अमित कुमार और सह लोको पायलट मोहमद परवेज द्वारा इंजन का संचालन किया गया।