
कई सालों से दुनिया के अंत के खोज की सुई बार-बार माया सभ्यता और उसके कैलेंडरतक ले जाती है. एक बार फिर यह सभ्यता सोशल मीडिया पर चर्चा में है और इसके साथ ही यह भी चर्चा में है कि दुनिया खत्म होने की नई तारीखतय हो चुकी है यानी- 21 जून 2020.
क्या सच में 21 जून को दुनिया ख़त्म हो जाएगी?
माया सभ्यता बीते कई दशकों से यह जानने के लिए एक दिलचस्प विषय रही है. इसके कैलेंडर को लेकर पिछले कई साल से दुनिया को लेकर तरह-तरह के डरावने दावे भी किये जाते रहे हैं और अब इस कड़ी में एक और नया दावा जुड़ गया है. कि 21 जून को यह दुनिया खत्म हो जाएगी. एक इंग्लिश न्यूज वेबसाइट के मुताबिक वैज्ञानिक पाओलो टैगलोगुइन ने यह दावा किआ है|उन्होंने जूलियन कैलेंडर और ग्रेगोरियन कैलेंडर के बीच दिनों के अंतराल को देखते हुए यह निष्कर्ष सामने रखा हैकि जिस आधार पर यह नई तिथि सामने लायी गयी वह यह है कि साल 2012 में भी दुनिया के खात्मे की भविष्यवाणी की जा चुकी थी.
तो क्या यह साल 2012 हैं?

दुनिया के खात्मे का यह दावा इस बात पर भी आधारित है कि ग्रेगोरिअन कैलेंडर को वर्ष 1582 में लागू किया गया था| उस समय से साल में 11 दिन कम हो गए थे. ये 11 दिन सुनने में तो बहुत कम लगते हैं लेकिन 286 साल में यह लगातार ही बढ़ता गया है| इस आधार पर समय के इस बड़े अंतराल को देखा जाय तो लोगों का दावा है कि हमें इस समय साल 2012 में होना चाहिए था.इस दावे को वैज्ञानिक पाओलो टैगलोगुइन के एक ट्वीट ने और अधिक प्रभावी बना दिया है जिससे ये पता चलता है माया सभ्यता के मुताबिक असल में साल 2012 अभी आया है.
क्या है इस पद्धति का तरीका ?
वैज्ञानिक पाओलो टैगलोगुइन ने अब अपना ट्वीट डिलीट कर दिया है लेकिन उन्होंने जो लिखा उसका अर्थ कुछ यह था कि अगर हम जुलियन कैलेंडर को फॉलो करते है तो हम तकनीकी रूप से वर्ष 2012 में हैं| ग्रेगोरिअन कैलेंडर को लागू करने से हमें एक साल में पुरे 11 दिनों का नुकसान हुआ था| ग्रेगोरिअन कैलेंडर को लागू हुए 268 साल (1752-2020) पुरे हो चुके हैं इस तरह से अगर 11 से गुणा किया जाय तो 2948 दिन होते हैं. 2948 दिन 8 साल के बराबर होते हैं.
नीबीरु ग्रह की खोज से भी उठा है यह दावा

दुनिया के खत्म होने की कई तारीखें इसके पहले भी आती रही हैं| इंटरनेट की दुनिया में इस वक्त अफवाहों का बाजार हमेशा गर्म रहता है. कहा जा रहा है कि 21 जून 2020 दरअसल, 21 दिसंबर, साल 2012 है. साल 2012 में इस तरह के दावे किए गए थे कि 21 दिसंबर 2012 को पूरी दुनिया खत्म हो जाएगी.इसकी शुरुआत उस दावे से हुई जिसमें कहा जा रहा था कि सुमेरिअन लोगों ने एक ग्रह नीबीरु की खोज की थी.अब यह निबिरू ग्रह पृथ्वी की ओर लगातार बढ़ रहा है| मई 2003 में भी दुनिया के खात्मे का दावा किया गया था, लेकिन जैसा कि सामने है कि 2003 और 2012 में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.