
लू के झुलसाते हुए थपेड़े और आसमान से बरसती हुई आग जून के पहले सप्ताह की पहचान रही है, लेकिन यह पहला मौका है जब जून के महीने में नवंबर सा एहसास होता रहा। जून के पहले सप्ताह के सभी दिन ठंडे रहे। सभी दिन पारा 40 डिग्री से नीचे रहा है, जबकि बीते पांच सालों में जून के पहले सप्ताह में पारा 47 डिग्री को पार करने लगता था।
मई के पूरे महीने 15 दिन राहत भरे रहे। छह दिनों को छोड़कर पूरा मई गर्म नहीं रहा। मई की तर्ज पर ही जून के पहले सप्ताह का मौसम रहा है, जिसमें तापमान 36 डिग्री तक बना रहा।
बारिश और बादलों के कारण पूरे सप्ताह पारा 40 डिग्री से नीचे ही रहा जबकि पिछले साल पूरे सप्ताह 4 दिन तापमान 45 डिग्री के पार रहा था। पिछले साल से ही तुलना करें तो नौ डिग्री तक औसत तापमान कम रहा है, जबकि इस बार दिन के तापमान में अधिकतम 11 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई है।
1994 में सबसे गर्म महीने का रिकॉर्ड
जून के महीने में सबसे ज्यादा गर्मी अभी तक 1994 में पड़ी है, जब एक जून को तापमान 48.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था। 2016 में 4 जून को तापमान 47.2 डिग्री पर पहुंचा था।
लॉकडाउन का भी असर-
लॉकडाउन में पर्यावरण को गर्म करने वाले तत्वों की कमी हुई और साथ ही साथ दो समुद्री तूफानों के कारण मौसम पर प्रभाव पड़ा। वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण भी मौसम बार-बार बदला है, जिसका असर जून के पहले सप्ताह के मौसम पर नजर आ रहा है। -एके शुक्ला, पर्यावरण विज्ञानी
9वें दिन 40 के पार हुआ पारा-
मंगलवार को अधिकतम तापमान 41.6 डिग्री रहा। जून में यह पहला मौका है जब दिन का तापमान 40 डिग्री को पार कर पाया है। यह भी सामान्य से एक डिग्री नीचे रहा। न्यूनतम तापमान 27.4 डिग्री दर्ज किया गया।
दोपहर में बादलों की लुकाछिपी बनी रही। शाम को भी बादल छाए रहे। मौसम विभाग के पूर्वानुमान केंद्र के मुताबिक बुधवार को भी तापमान में एक से दो डिग्री की बढ़ोतरी हो सकती है, लेकिन गुरुवार को बादलों की लुकाछिपी होगी और तापमान में कमी के साथ छिटपुट बूंदाबांदी के भी आसार बन रहे हैं।