आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि पर गुरु पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण पड़ रहा है। पूर्णिमा तिथि के बाद अगले दिन यानी 6 जुलाई से भगवान शिव का प्रिय माह सावन भी आरंभ हो जाएगा। सावन का महीना 3 अगस्त तक होगा । इस बार सावन के महीने में पूरे पांच सोमवार होंगे। सावन की शुरुआत सोमवार और खत्म भी सोमवार के दिन ही हो रहा है । सावन के महीने में शिवलिंग पर जलाभिषेक करते है। मान्यता है कि सावन के महीने शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से सभी तरह की मनोकामना पूरी होती है।
चंद्र ग्रहण और गुरु पूर्णिमा का पंचांग
हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व है। पंचांग की सहायता से समय एवं काल की गणना की जाती है। पंचांग के पांच अंग होते है तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण हैं। इसके अलावा इसकी मदद से शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति का सटीक आकलन करते है। 5 जुलाई को पूर्णिमा की तिथि सुबह 10 बजकर 16 मिनट तक होगी । नक्षत्र पूर्वाषाढ़ा- 22:57 तक होगा । चंंद्रमा धनु राशि में रहेंगे । राहुकाल का समय शाम 17:34 से 19:18 तक बना रहेगा ।