अध्ययन के अनुसार, फरवरी 2021 के अंत तक भारत कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित देश में से होगा. इसके बाद अमेरिका (प्रतिदिन 95,000 केस), दक्षिण अफ्रीका (प्रतिदिन 21,000 केस) और ईरान (प्रतिदिन 17,000 केस) होंगे| इस अध्ययन में तीन परिस्थितियों को ध्यान में रखा गया है: (1) मौजूदा टेस्टिंग रेट और उनका परिणाम, (2) यदि 1 जुलाई, 2020 से टेस्टिंग प्रतिदिन 0.1 प्रतिशत बढ़ती है, और (3) और अगर टेस्टिंग मौजूदा स्तर पर ही रहती है, लेकिन संपर्क दर का जोखिम 8 प्रतिशत पर होता है|
यह भविष्यवाणी भारत के लिए बेहद निराशाजनक तस्वीर पेश कर रही हैं| अध्ययन से पता चलता है कि जो देश अनुमानित खतरे के प्रति कमजोर प्रतिक्रिया कर रहे हैं उन्हें आगे गंभीर चुनौतियों का सामना करने की अधिक संभावना है| अध्ययन यह भी कहता है कि भविष्य के परिणाम टेस्टिंग पर कम, बीमारी के प्रसार को कम करने के लिए समुदायों और सरकारों की इच्छा पर अधिक निर्भर करेंगे | .