खंदारी की श्वेता सारस्वत ने कहा कि बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती जा रही है। कोरोना का संक्रमण भी दिन पर दिन बढ़ रहा है। मौतें भी लगातार हो रही हैं।रोज शहर में डराने वाली खबरें आ रही हैं। ऐसे में जुलाई में स्कूल खुलना ठीक नहीं होगा। संक्रमण परपूरी तरह नियंत्रण पाने के बाद ही स्कूलों को खोले जाने का विचार करना चाहिए।
विद्यालयों में नहीं पर्याप्त व्यवस्थाएं

सिविल लाइंस निवासी उपमा अग्रवाल का कहना है कि जिले के तमाम मान्यता प्राप्त, सहायता प्राप्त और राजकीय विद्यालयों में साफ-सफाई , सेनिटाइजेशन और अन्य व्यवस्थाओं का अभाव है। ऐसे में स्कूलों को कोरोना संक्रमण के दौरान खोलना ठीक नहीं होगा ।
छोटे बच्चे नहीं कर पाएंगे सामाजिक दूरी का पालन

दयालबाग की मंगलम एस्टेट कॉलोनी की रियंका सिंह ने कहा कि यदि 15 दिनों तक जिले में कोरोना के केस सामने न आए तभी स्कूल खोले जाने का निर्णय लिया जाना चाहिए।छोटे बच्चे सामाजिक दूरी का पालन सही तरीके से नहीं कर पाएंगे।