कोरोना वैक्सीन बनाने में पांच देशों में भारत का स्थान
भारत समेत अमेरिका, चीन, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन जैसे देश जल्द से जल्द वैक्सीन बनाने में जुटे हैं। वहीं, इजरायल और नीदरलैंड्स में भी वैज्ञानिक एंटीबॉडी आइसोलेट करने में भी कामयाब हुए हैं। एंटीबॉडी मरीज के शरीर में आये वायरस से लड़ता है, जबकि वैक्सीन पहले से ही शरीर को बीमारी से लड़ने में सक्षम बनाता है।
1. ब्रिटेन
शुरुआत करते हैं ब्रिटेन से, जिसकी वैक्सीन भारत में ही तैयार होनी है। विश्वप्रसिद्ध ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी इस पर रिसर्च कर रहा है कि ‘मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम- MERS’ के लिए डेवलप की गई यह वैक्सीन कोरोना पर कितनी असरदार होगी। ChAdOx1 nCoV-19 वैक्सीन शरीर को वायरस के स्पाइक प्रोटीन को पहचानने में भी मदद करता है।
2. चीन
चीन की सिनोवेक बायोटेक ने यह दावा किया है कि उसकी वैक्सीन बंदरों पर प्रभावी साबित हुई है। पाइकोवैक नाम की ये वैक्सीन शरीर में इम्यून सिस्टम की एंटीबॉडी बनाने पर जोर देती है और ये एंटीबॉडी वायरस को खत्म करती है। शोधकर्ताओं ने एक खास प्रजाति के बंदरों (रीसस मैकाक्स) को यह वैक्सीन लगाई और तीन हफ्ते बाद बंदरों में कोरोना वायरस इंजेक्ट करा गया। एक हफ्ते बाद देखा कि वैक्सीन वाले बंदरों के फेफड़ों में वायरस नहीं मिला, जबकि अन्य बंदर निमोनिया से ग्रसित थे।
3. जर्मनी
जर्मनी में जर्मन कंपनी बायोएनटेक और अमेरिका की फाइजर कंपनी साथ मिलकर BNT162 नाम की वैक्सीन डेवलप कर रही है। इस वैक्सीन में एमआरएनए यानी जेनेटिक मटीरियल मेसेंजर (आरएनए) का इस्तेमाल किया है। जेनेटिक कोड एमआरएनए, शरीर के सेल को प्रोटीन बनाने का निर्देश देता है जिससे वे वायरस प्रोटीन की नकल करें और इम्यून रिसपॉन्स पैदा हो सके ।
4. अमेरिका
वैक्सीन बनाने की रेस में अमेरिका भी कतार में है। अमेरिका की बायोटेक कंपनी मॉडर्ना के सहयोग से नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शस डिजीज (NIAID) mRNA-1273 वैक्सीन बना रहा है। यह भी एमआरएनए आधारित वैक्सीन है, जिससे पॉजिटिव परिणाम आने की उम्मीद है। इस वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू हो चुका है।
5. इटली
इटली की बॉयोटेक कंपनी टैकिज ने ऐसा वैक्सीन डेवलप किया है, जो सबसे एडवांस स्टेज पर है। दावा है कि वैक्सीन ने कोरोना वायरस को न्यूट्रलाइज किया है। दस वैक्सीन से चूहों में एंटीबॉडी भी विकसित हुए हैं और दावा यह भी है कि इंसानी शरीर में भी वैक्सीन कारगर साबित होगी।
इटैलियन न्यूज एजेंसी एएनएसए के मुताबिक, टैकिज के सीईओ का कहना है कि जल्द ही इस वैक्सीन का इंसानी शरीर पर भी परीक्षण शुरू किया जाएगा ।