
अनामिका शुक्ला की तर्ज पर जिले में भी और भी अनामिका जसे केस पाए गए है जहां एक ही प्रमाणपत्रों के सहारे फर्जी तरीके से नौकरी पाने का मामला मिला है। बीएसए की जांच में संदेह के घेरे में आई एक शिक्षिका का वेतन रोक दिया गया है। बीएसए ने शिक्षिका के प्रमाणपत्रों के सत्यापन के निर्देश दिए हैं।
एक ही नाम , पिता का नाम, गांव, जन्मतिथि, जिला और प्रमाणपत्रों के सहारे बीते एक दशक से नौकरी कर रहीं दो महिलाओं का मामला सामने आया है। अलग-अलग आधार कार्ड बनवाने वाली इन शिक्षिकाओं का पैन नंबर भी एक ही है।
दस साल से एक ही नाम से चल रही नौकरी का पता मैनपुरी निवासी एक शिकायतकर्ता के शासन को लिखित शिकायत कर इस फर्जीवाड़े की जानकारी दी । मामले की प्रारंभिक जांच के बाद औरैया के बीएसए ने बीएसए एटा को पत्र लिखकर सूचित किया कि इस पैन नंबर की शिक्षिका मीना देवी वर्तमान में अजीतमल ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय तेजलपुर में प्रधानाध्यापिका के रूप में कार्यरत है।
मीना देवी के प्रमाणपत्रों द्वारा एक शिक्षिका ने 2007 में औरैया स्थित प्राथमिक विद्यालय में नौकरी प्राप्त कर ली। ठीक तीन वर्ष बाद हुई भर्ती में इन्हीं प्रमाणपत्रों के सहारे मीना देवी ने भी एटा जिले में नौकरी प्राप्त कर ली। वर्तमान में वह जैथरा ब्लाक स्थित एक प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापिका के पद पर कार्यरत है।