इसमें कौन सा बच्चा लेना है ? किस महिला की कोख किराए पर ली गयी है ? किसको कितने रुपये पहुंचने हैं? इस सबके बारे में बातचीत होती थी। यह सब बात शॉर्ट कीवर्ड में की जाती थी। रुपये और बच्चों के बारे में मुख्य बातों को चैट करने के बाद डिलीट भी कर दिया जाता था। नीलम के चैट में अस्मिता की कई चैट डिलीट मिली है। पुलिस ने तीन महीने का पूरा डाटा निकलवाया है। व्हाट्सएप कॉलिंग की जानकारी मिली है , जिससे पुलिस को किसी तरह का डेटा न मिले ।
नीलम और अस्मिता आपस में कोर्डवर्ड में बात करते थे। लड़की के लिए G और लड़के के लिए B लिखते थे। इसके अलावा लेन-देन की भाषा भी कम शब्दों वाली ही होती थी।